नेताओ के भ्रष्टाचार के किस्से आये दिन सामने आते है
लेकिन अब अधिकारियो के पोल खुलने लगे है नेताओ की तुलना अगर छोटा शाप से की जाती थी तो अधिकारियो की तुलना अजगर एनाकोंडा जैसे शर्फ़ से किया जाने लगा है छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही बड़े बड़े मोटे मोटे शांप बिल से निकलने लगे है ,नेताओ को भ्रष्टाचार की सजा कोर्ट दे या न दे जनता जरुर समझा देती है ,लेकिन इन अधिकारियो को सजा कौन देगा प्रदेश में दर्जनों भ्रष्ट अधिकारी मलाई खाने की मजा ले रहे है लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही करने की हिम्मत सरकारनहीं जुटा पाई विभाग बदल बदल कर भ्रष्टाचार का भर पुर मौका दिया जा रहा है हद तो यहाँ तक हो गई है प्रतिनियुक्ति पर मालदार विभाग से दुसरे मालदार विभाग में सीधे प्रतिनियुक्ति दी जा रही जबकि उनके मूल विभाग में अदिकारियो की कमी है
कल मै मंत्रलय के गेट नंबर ४ पर सूचना के अधिकार तहत आवेदन जमा करने १०) के लिए १००)का चिल्लहर
ढूंढ़ रहा था मुझे इधर उधर भटकते देख पोलिश का जवान पूछा साहब आप क्या ढूंढ़ रहे है मैंने उसको जवाब
दिया १००) का चिल्ल्हर ढूंढ़ रहा हु उसने तपाक से जवाब दिया "भाई साहब ये मंत्रालय है यंहा चिल्लहर नहीं मिलता ,यहाँ तो हजार हजार करोड़ खाने वाले लोग बैठे है "मैंने पूछा किस मंत्री की बात कर रहे हो ,उसने मायूशी से जवाब दिया भाई साहब आप सबको केवल खाखी और खादी ही दिखता है जबकि असली मॉल तो बिच वाले खा रहे है फिर मैंने पूछा यार ये बिच वाले कौन है उसने निर्भीकता से कहा "आई ए एस" वही तो असली मॉल खा रहे है समझने वाली बात है नेता तो बदल जाते है लेकिन ये तो वही टिके रहते है अपने सेवा के दौरान कम से कम ८ सरकार को निपटा सकते है नए नेताओ को भ्रष्टाचार का गुरु मन्त्र इन्ही से मिलता होगा , सरकार का एक छोटा सा नुमायन्दा जब इन अधिकारियो के बारे ये राय ब्यक्त कर सकता है तो..................................................